You Can Too

आईये आज आपको मिलाते हैं बोरुंदा, जोधपुर के दो भाईयों राकेश और संपत प्रजापति से. सरल और हंसमुख. इनसे हमारी मुलाकात बीकानेर की श्री गंगानगर रोड पर हुई, जहां ये राजकोट के बने नल वाले मटके बेचते हैं. खूबसूरत और मज़बूत मटके, जिनमें नल लगा होने से, पानी हायजैनिक रहता है, पानी निकालने के लिए बार बार कोई बर्तन जो डालना नहीं पड़ता !! ये दोनों प्रजापति भाई साल में 6–7 महीने घर से बाहर ऐसे ही रोड साईड पर डेरा डाल कर तरह तरह का सामान बेचते हैं. घुमंतुओं की सी ज़िन्दगी !! बोरुंदा में परिवार के बाकि लोग रहते हैं, खेती बाड़ी सँभालते हैं, बच्चों की पढ़ाई चलती रहती है और समाज से जुड़े रहते हैं.
इन्होंने बताया, “अभी मटके बेच रहे हैं, बाद में कोलकाता – गोरखपुर से लाकर हैंडीक्राफ्ट का सामान बीकानेर, पटियाला, अम्बाला आदि में बेचेंगे. राजकोट के बने ये खूबसूरत और मज़बूत मटके ये देश के कई बड़े शहरों में बेचते हैं, जैसे चेन्नई, हैदराबाद, विशाखापत्तनम, वैल्लौर, वारंगल, विजयवाड़ा, छत्तीसगढ़ आदि में. मटके बेचने का काम ये करीब 12 साल से कर रहे हैं, जो इनके दादाजी ने 30-35 साल पहले शुरू किया था.

“मस्त बिंदास ज़िन्दगी जीते हैं साहब हम” – हंसमुख राजेश प्रजापति जी ने कहा. बिंदास कैसे ? मैंने पूछा !! तो बोले – “देखो सर…रोड साईड पर बैठे हैं……खुली हवा खाते हैं……आते-जाते लोगों को देखते हैं और ज़िन्दगी के तजुर्बे लेते हैं”. पल्यूशन की, डेंगू या मलेरिया की चिंता से मुक्त !!! खुश रहने का इनका फंडा एकदम मस्त था. इन्होंने बताया, “सब बढ़िया है, रीति-रिवाजों के खर्चे कम हैं, एक लाख में तो शानदार शादी हो जाती है” थोड़े शर्मीले संपत जी बोले ! “प्रजापति समाज में दहेज़ का लेन – देन बिलकुल नहीं है” राकेश जी ने कहा !!
सबसे बड़ी बात जो इन्होंने बताई कि, “….नो टेंशन जीते हैं ……पैसे कम कमाते हैं ….बड़ी ख्वाहिश रखते नहीं …….जो अपने पास है उस से खुश रहते हैं..”….मुझे तो लगा कि इनके पुश्तैनी काम की तरह…इनका “ख़ुशी का फंडा” भी पुश्तैनी है !!!!!!!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *